उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बाहर होने जा रही कांग्रेस

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद (UP Vidhan Parishad Chunav 2022) की 36 सीटों पर बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की है। भारतीय जनता पार्टी ने 33 सीटों पर विजय हासिल कर सपा का सूपड़ा साफ कर दिया है। अब विधायक कोटे की 15 सीटों पर भी चुनाव होना है। बताया जा रहा है कि 6 जुलाई से पहले ये चुनाव करा लिए जाएंगे। इसके बाद विधान परिषद में कांग्रेस की तरफ से एक भी सदस्‍य नहीं बचेगा। साथ ही बसपा का सिर्फ 1 सदस्‍य रह जाएगा। विधायक कोटे की सीटों को अगर बीजेपी अपने खाते में लाने में सफल रहती है तो विधान परिषद में उसके दो तिहाई सदस्‍य हो जाएंगे।
विधान परिषद की 36 सीटों पर चुनाव के बाद सदन की गणित बदल गई है। इस समय परिषद में बीजेपी के 68 सदस्‍य हो गए हैं, जबकि सपा के महज 17 एमएलसी बचे हैं। बसपा के 4 जबकि अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और कांग्रेस के एक-एक सदस्य हैं। विधान परिषद चुनाव के नतीजों ने अब तस्‍वीर बदल दी है। अप्रैल और मई में सपा के छह सदस्‍यों का कार्यकाल खत्‍म हो रहा है। इसके बाद सपा के 11 सदस्‍य ही रह जाएंगे।
आम तौर पर जिसकी सत्ता होती है उस पार्टी के उम्मीदवारों की जीत की संभावना बढ़ जाती है। पिछले तीन दशकों के चुनाव की तस्वीर कुछ ऐसी ही रही है। निकाय में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, पार्षद, विधायक और सांसद वोटर होते हैं।
6 जुलाई को विधान परिषद में 13 सीटें खाली हो रही हैं। इन पर चयन विधायकों के वोट से होता है। खाली होने वाली सीटों में छह सपा की, तीन बसपा की, तीन भाजपा की और एक कांग्रेस की है। बरौली से जयवीर सिंह भाजपा से विधायक बन गए हैं। इनका परिषद में कार्यकाल मई 2024 तक था। यह सीट भी खाली होगी। वहीं, नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन के चलते भी एक सीट खाली हुई है। इसलिए कुल 15 सीटों पर चुनाव होंगे। अगर इन सभी सीटों पर एक साथ चुनाव होंगे तो एक सदस्य चुनने के लिए 28 विधायकों की जरूरत होगी।
कांग्रेस के पास महज दो विधायक हैं और बसपा के पास एक ही विधायक है। इसलिए इनकी नुमाइंदगी संभव नहीं है। ऐसे में कांग्रेस शून्य पर पहुंचाएगी। बसपा के पास केवल इकलौते सदस्य भीमराव अंबेडकर बचेंगे। वहीं, भाजपा गठबंधन करीब 10 सीटों पर जीतने की स्थिति में होगा। निकाय चुनाव कोटे की सीटों में अगर भाजपा का दबदबा रहता है तो जुलाई तक मनोनयन और विधायक कोटे की सीटें मिलाकर भाजपा परिषद में दो-तिहाई सीटों पर काबिज हो जाएगी।

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